Jagran Exclusive: लाखों रुपये का लाभ ले चुके हैं अरविंद केजरीवाल के 'खास' विधायक
चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा को दो कमरे दिए गए थे। इसकी साज-सज्जा में ही लाखों रुपये खर्च हो गए।
नई दिल्ली (आशुतोष झा)। लाभ के पद में फंसे आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद करने संबंधी चुनाव आयोग के फैसले पर राष्ट्रपति अंतिम निर्णय लेंगे, लेकिन पार्टी अब भी यह मानने को तैयार नहीं है कि संसदीय सचिव बनाए गए इनके विधायकों ने कोई अतिरिक्त सुविधाएं लीं।
इतना ही नहीं शनिवार शाम उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि संसदीय सचिव बने विधायकों को मंत्री तुल्य सुविधाएं मिलीं।
मगर सच तो यह है कि दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभाग के प्रमुखों ने लाखों रुपये इन विधायकों की सुविधाओं पर खर्च करने की जानकारी चुनाव आयोग से लेकर अदालत तक को दी है। यह दस्तावेज दैनिक जागरण के पास भी है।
लोक निर्माण विभाग व वित्त विभाग के अनुसार संसदीय सचिव बनने के बाद सबसे पहले विधायकों को उठने-बैठने के लिए कमरे की जरूरत पड़ी। कुछ को सचिवालय में तो कुछ को अन्य सरकारी कार्यालयों में कमरे दिए गए।
उनके बैठने के लिए 21 कुर्सियां तथा उनसे मिलने के लिए आने-जाने वाले लोगों के बैठने के लिए 136 विजिटर्स कुर्सियां खरीदी गईं। लोक निर्माण विभाग ने इस मद में 11,75,828 रुपये का भुगतान किया। उसके बाद कार्यालय को रंग-रोगन व अन्य फर्नीचर खरीदने के मद में विभाग ने 13,26,300 रुपये खर्चे।
इसकी स्वीकृति को लेकर शुरू में दिक्कतें आईं, लेकिन सरकार के इशारे से सब बिल पास हो गया। चांदनी चौक से आप विधायक अलका लांबा को दो कमरे दिए गए थे। इसकी साज-सज्जा में ही लाखों रुपये खर्च हो गए।
द्वारका से आप विधायक आदर्श शास्त्री, जो आइटी मंत्री के संसदीय सचिव थे, उनको एम्पावरिंग डिजिटल इंडिया की कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए 15,479 रुपये दिए गए थे।
इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने ही चुनाव आयोग को जानकारी दी है कि गत सितंबर तक संसदीय सचिव बने विधायक 20 से अधिक ऐसी बैठकों में शामिल हुए हैं, जिसे मंत्री को लेना चाहिए। वह या तो मंत्री के साथ थे या मंत्री की अनुपस्थिति में बैठक में उपस्थित रहे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन कहते हैं आप का यह दावा है कि उनके 20 विधायकों ने लाभ के पद का इस्तेमाल नहीं किया था, वह दिल्ली के मुख्य सचिव द्वारा चुनाव आयोग में इस मामले में दिए गए जवाब के कारण खोखला साबित होता है।